दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कॉमेटी की बैठक हुई, जिसमें पार्टी के तमाम नेता मौजूद रहे। बैठक में पार्टी की रणनीति और संगठन के बारे में कुछ कहने से पहले ही उद्घाटन भाषण में सोनिया गांधी ने आलोचकों को करारा जवाब दिया।
सोनिया गांधी ने पार्टी के (जी-23) नेताओं को साफ संदेश दिया है कि वो खुद पार्टी की पूर्णकालिक अध्यक्ष हैं, उनसे मीडिया के जरिए बात करने की जरूरत नहीं है।
“पूरी कमेटी चाहती है कि कांग्रेस फिर से खड़ी हो जाए और इसे साकार करने के लिए एकता और पार्टी के शुभचिंतकों को महत्व देने और खुद को काबू में रखने व अपने आप को अनुशासन में रखने की आवश्यकता है।” -पार्टी बैठक में सोनिया गांधी ने कहा।
सोनिया गांधी ने बताया की उनकी विधानसभा चुनाव की तैयारी कुछ समय पहले शुरू हो गई थी।
“निःसंदेह हमें एक ही नहीं अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन वहीं अगर हम एकता में रहे और पार्टी के पक्ष में सोचते हैं, तो मुझे विश्वास है की हम अच्छा जरूर करेंगे।”
सोनिया गांधी ने बैठक में अपनी बात को रखते हुए बताया की हम कांग्रेस का स्थायी अध्यक्ष चुनने के लिए चुनाव करवाएंगे। सोनिया गांधी ने एक पूर्णकालिक, तथा व्यवहारिक पार्टी अध्यक्ष नेता के रूप में अपनी भूमिका को रेखांकित किया है।
सोनिया गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव कब होने के प्रश्न पर अपना जवाब देते हुए कहा कि, “हमने 30 जून तक चुनाव को पूरा करने का रोड मैप तय कर लिया था, लेकिन कोरोना महामारी के करण हमें इसे आगे बढ़ाना पड़ रहा है।”
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सितंबर में हो सकता है।
सीडब्ल्यूसी-CWC की बैठक में गुलाम-नवी-आज़ाद “जी-23” के वरिष्ठ नेता होने के नाते इसपर अपनी सहमती जताते हुए बोले कि, कोई भी सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल नहीं उठा सकता। पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल और गुलाम-नवी-आजाद, दोनों नेताओं ने मिलकर यह बैठक करने का फैसला किया।
सोनिया गांधी ने युवा कांग्रेस और पार्टी के शुभचिंतकों को संबोधित करते हुए कहा की पिछले 2 वर्षों में बड़ी संख्या में हमारे सहयोगियों ने पार्टी की नीति और कार्यक्रमो को लोगों तक ले जाने की एक सफल भूमिका निभाई है। अब चाहे वो किसान आंदोलन हो या महामारी में राहत का प्रवधान हो।
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर अपना निशान साधते हुए बोला कि, “सरकार का एक ही एजेंडा है, राष्ट्रीय सम्पदा को बेचना! हमारी अर्थव्यस्था खतरे में है और सरकार इसे हमसे छुपाना चाह रही है।”